anilarya
- 22 Posts
- 25 Comments
चन्दन चन्दन रूप तुम्हारा केसर केसर सांसे,
इन आँखों में बसी हुई हैं कुछ सपनीली आशें…
मुझमें तुम हो, तुम में मैं हूँ , तन मन रमे हुए हैं,
प्रेम सुधा बरसाती रहती अपनी दिन और रातें…
जब से दूर गई हो प्रिय सुध बुध बिसर गई है,
याद तुम्हारी साँझ सवेरे आँखों में बरसातें…
दर्पण मेरा रूप तुम्हारा यह कैसा जादू है,
जब भी सोचूँ तुमको सोचूँ हर पल तेरी यादें…
Read Comments